क़ाबिल अजमेरी शायरी – तुम न मानो मगर हक़ीक़त Raj February 14, 2017 क़ाबिल अजमेरी शायरी तुम न मानो मगर हक़ीक़त है इश्क़ इंसान की ज़रूरत है – क़ाबिल अजमेरी दाग देहलवी शायरी – दिल ले के मुफत कहते अल्लामा इक़बाल शायरी – दिल से जो बात निकलती दाग देहलवी शायरी – दिल दे तो इस मिज़ाज फैज अहमद फैज शायरी – यूँ ही हमेशा खिलाये हैं अहमद फ़राज़ शायरी – अब ज़मीं पर कोई गौतम