जिगर मुरादाबादी शायरी – वही है ज़िंदगी लेकिन ‘जिगर’ Raj July 31, 2017 जिगर मुरादाबादी शायरी वही है ज़िंदगी लेकिन ‘जिगर’ ये हाल है अपना कि जैसे ज़िंदगी से ज़िंदगी कम होती जाती है – जिगर मुरादाबादी बशीर बद्र शायरी – न जाने कब तिरे दिल कैफ़ी आज़मी शायरी – जब भी चूम लेता हूँ जिगर मुरादाबादी शायरी – तबीयत इन दिनों बेगा़ना-ए-ग़म होती वसीम बरेलवी शायरी – तुझे पाने की कोशिश में बशीर बद्र शायरी – सोचा नहीं अच्छा बुरा देखा