दाग देहलवी शायरी – एक तो हुस्न बलाउस पे एक तो हुस्न बला,उस पे बनावट आफत, घर बिगाड़ेंगे हजारों के, संवरने वाले। – दाग देहलवी Related Posts:दाग देहलवी शायरी - हज़ारों हसरतें वो हैं किअमीर मीनाई शायरी - आफ़त तो है वो नाज़जौन एलिया शायरी - अपने सर इक बला तोदाग देहलवी शायरी - वो ज़माना भी तुम्हें यादमिर्ज़ा ग़ालिब शायरी - हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हरअल्लामा इक़बाल शायरी - हज़ारों साल नर्गिस अपनी बे-नूरीअमीर मीनाई शायरी - हज़ारों काफ़िर ओ मोमिन पड़ेदाग देहलवी शायरी - ले चला जान मेरी रूठदाग देहलवी शायरी - दर्द बन के दिल मेंदाग देहलवी शायरी - कयामत क्यों नहीं आती इलाही दाग देहलवी शायरी