दुष्यंत कुमार शायरी – आज यह दीवार
आज यह दीवार, परदों की तरह हिलने लगी,
शर्त लेकिन थी कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए। – दुष्यंत कुमार
Best Hindi Sher O Shayari Collection
आज यह दीवार, परदों की तरह हिलने लगी,
शर्त लेकिन थी कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए। – दुष्यंत कुमार