दुष्यंत कुमार शायरी – जिसे मै ओढता बिछाता हूं Raj July 14, 2017 दुष्यंत कुमार शायरी जिसे मै ओढता बिछाता हूं वही गज़ल तुम्हे सुनाता हूं एक जंगल है तेरी आंखो मे मै जहां राह भूल जाता हूं – दुष्यंत कुमार जौन एलिया शायरी – ये काफ़ी है कि हम मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी – थी ख़बर गर्म कि ‘ग़ालिब’ नक़्श लायलपुरी शायरी – शाख़ों को तुम क्या छू नासिर काज़मी शायरी – न अब वो यादों का मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी – इश्क़ से तबीअत ने ज़ीस्त