परवीन शाकिर शायरी – गवाही कैसे टूटती मुआमला ख़ुदा
गवाही कैसे टूटती मुआमला ख़ुदा का था
मेरा और उसका राब्ता तो हाथ और दुआ का था – परवीन शाकिर
Best Hindi Sher O Shayari Collection
गवाही कैसे टूटती मुआमला ख़ुदा का था
मेरा और उसका राब्ता तो हाथ और दुआ का था – परवीन शाकिर