परवीन शाकिर शायरी – हारने में इक अना की हारने में इक अना की बात थी जीत जाने में ख़सारा और है – परवीन शाकिर Related Posts:माधव राम जौहर शायरी - आहें भी कीं दुआएँ भीजौन एलिया शायरी - जान-लेवा थीं ख़्वाहिशें वर्नामीर तक़ी मीर शायरी - पत्ता पत्ता बूटा बूटा हालवसीम बरेलवी शायरी - बहुत से जीत के असबाबपरवीन शाकिर शायरी - तेरे जाने पे अब केपरवीन शाकिर शायरी - लोग न जाने किन रातोमुनव्वर राना शायरी - अना की मोहनी सूरत बिगाड देतीपरवीन शाकिर शायरी - बात वो आधी रात कीपरवीन शाकिर शायरी - कैसे कह दूँ कि मुझेपरवीन शाकिर शायरी - गिला भी तुझ से बहुत परवीन शाकिर शायरी