फिराक गोरखपुरी शायरी – कोई नयी ज़मीं हो Raj July 14, 2017 फिराक गोरखपुरी शायरी कोई नयी ज़मीं हो, नया आसमां भी हो ए दिल अब उसके पास चले, वो जहां भी हो – फिराक गोरखपुरी साहिर लुधियानवी शायरी – आँखों से बड़ी कोई तराज़ू फिराक गोरखपुरी शायरी – इक उमर कट गई है मुनव्वर राना शायरी – तेरे दामन में सितारे हैं जौन एलिया शायरी – ज़िंदगी किस तरह बसर होगी साग़र सिद्दीक़ी शायरी – कल जिन्हें छु नहीं सकती