बशीर बद्र शायरी – नहीं है मेरे मुक़द्दर में
नहीं है मेरे मुक़द्दर में रौशनी ना सही
ये खिड़की खोलो ज़रा सुबह की हवा ही लगे – बशीर बद्र
Best Hindi Sher O Shayari Collection
नहीं है मेरे मुक़द्दर में रौशनी ना सही
ये खिड़की खोलो ज़रा सुबह की हवा ही लगे – बशीर बद्र