बशीर बद्र शायरी – मैं तमाम तारे उठा-उठा कर Raj November 3, 2017 बशीर बद्र शायरी मैं तमाम तारे उठा-उठा कर ग़रीबों में बाँट दूँ। कभी एक रात वो आसमाँ का निज़ाम दे मेरे हाथ में, – बशीर बद्र फिराक गोरखपुरी शायरी – कह दिया तू ने जो क़तील शिफ़ाई शायरी – अगर वफ़ा पे भरोसा रहे दाग देहलवी शायरी – न मज़ा है दुश्मनी में राहत इंदौरी शायरी – दिल्ली से हमीं बोला करें राहत इंदौरी शायरी – लगेगी आग तो आएगे