मजरूह सुल्तानपुरी शायरी – ग़म-ए-हयात ने आवारा कर दिया Raj February 21, 2017 मजरूह सुल्तानपुरी शायरी ग़म-ए-हयात ने आवारा कर दिया वरना, थी आरज़ू तेरे दर पे सुबह-ओ-शाम करें. – मजरूह सुल्तानपुरी माधव राम जौहर शायरी – वही शागिर्द फिर हो जाते नासिर काज़मी शायरी – कुछ यादगार-ए-शहर-ए-सितमगर ही ले चलें आये परवीन शाकिर शायरी – थक गया है दिल वहशी साग़र सिद्दीक़ी शायरी – ऐ अदम के मुसाफ़िरो होशियार अहमद फ़राज़ शायरी – बंदगी हम ने छोड़ दी