माधव राम जौहर शायरी – ज़र्रा समझ के यूँ न
ज़र्रा समझ के यूँ न मिला मुझ को ख़ाक में
ऐ आसमान मैं भी कभी आफ़्ताब था – माधव राम जौहर
Best Hindi Sher O Shayari Collection
ज़र्रा समझ के यूँ न मिला मुझ को ख़ाक में
ऐ आसमान मैं भी कभी आफ़्ताब था – माधव राम जौहर