मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी – ख़त लिखेंगे गरचे मतलब कुछ ख़त लिखेंगे गरचे मतलब कुछ न हो, हम तो आशिक़ हैं तुम्हारे नाम के! – मिर्ज़ा ग़ालिब Related Posts:मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी - क़ासिद के आते आते ख़तमहेन्द्र सिंह बेदी सहर शायरी - ये और कुछ भी होंहफ़ीज़ जालंधरी शायरी - आशिक़ सा बद-नसीब कोई दूसरामहेन्द्र सिंह बेदी सहर शायरी - है हस्ती-ए-आशिक़ का बस इतनाक़तील शिफ़ाई शायरी - जब भी आता है मेराफैज अहमद फैज शायरी - रंग पैराहन का ख़ुशबू जुल्फ़शाद अज़ीमाबादी शायरी - जवाब-ए-ख़त का न क़ासिद सेदाग देहलवी शायरी - हो चुका तर्के तअल्लुक़ तोमुनव्वर राना शायरी - अगर स्कूल में बच्चे होंशाद अज़ीमाबादी शायरी - भरे हों आँख में आँसू मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी