मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी – मैं ने चाहा था कि Raj January 21, 2020 Hindi Shero Shayari, Shayari 2 Line Mein, मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी, हिंदी शायरी मैं ने चाहा था कि अंदोह-ए-वफ़ा से छूटूँ वो सितमगर मिरे मरने पे भी राज़ी न हुआ – मिर्ज़ा ग़ालिब 2 Lines Poetry Shayari – Be Dard Zamana Kia Jane Kia मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी – इस सादगी पे कौन न बशीर बद्र शायरी – कभी-कभी तो छलक पड़ती हैं Famous 2 Lines Ashaar – Mil Jaaye Ga Hame Bhi Koi शहरयार शायरी – सियाह रात नहीं लेती नाम