मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी – या-रब वो न समझे हैं Raj May 5, 2018 मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी या-रब वो न समझे हैं न समझेंगे मिरी बात दे और दिल उन को जो न दे मुझ को ज़बाँ और – मिर्ज़ा ग़ालिब मुनव्वर राना शायरी – तुम्हें भी नींद सी आने परवीन शाकिर शायरी – कैसे कह दूँ कि मुझे बशीर बद्र शायरी – मैं तमाम तारे उठा-उठा कर मुनव्वर राना शायरी – चलती फिरती हुई आँखों से मजरूह सुल्तानपुरी शायरी – रहें ना रहें हम महका