मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी – वो आए घर में हमारे Raj May 5, 2018 मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी वो आए घर में हमारे ख़ुदा की क़ुदरत है कभी हम उन को कभी अपने घर को देखते हैं – मिर्ज़ा ग़ालिब हफ़ीज़ जालंधरी शायरी – मुद्दतों तक जो पढ़ाया किया अमीर मीनाई शायरी – ऐसी कौन सी जा है मुनव्वर राना शायरी – झुक के मिलते हैं बुजुर्गों मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी – न लुटता दिन को तो अल्लामा इक़बाल शायरी – न पूछो मुझ से लज़्ज़त