मुनव्वर राना शायरी – ख़ामोशी कब चीख बन जाये Raj June 23, 2017 मुनव्वर राना शायरी ख़ामोशी कब चीख बन जाये किसे मालूम है जुल्म कर लो जब तलक ये बेजुबानी और है – मुनव्वर राना जिगर मुरादाबादी शायरी – तेरी खुशी से अगर गम जिगर मुरादाबादी शायरी – ख़याल-ए-यार सलामत तुझे ख़ुदा रक्खे साहिर लुधियानवी शायरी – तुम मेरे लिए कोई इल्जाम इक़बाल अज़ीम शायरी – जो हम पे गुज़री है क़तील शिफ़ाई शायरी – वो तेरी भी तो पहली