मुनव्वर राना शायरी – बड़ा गहरा तअल्लुक़ है सियासत Raj July 3, 2017 मुनव्वर राना शायरी बड़ा गहरा तअल्लुक़ है सियासत से तबाही का कोई भी शहर जलता है तो दिल्ली मुस्कुराती है – मुनव्वर राना परवीन शाकिर शायरी – कुछ तो हवा भी सर्द हसरत मोहानी शायरी – नादिम हूँ जान देकर आँखों मजरूह सुल्तानपुरी शायरी – शब-ए-इंतिज़ार की कश्मकश में न निदा फ़ाज़ली शायरी – ग़म हो कि ख़ुशी दोनों हसरत मोहानी शायरी – देखो तो चश्मे-यार की जादूनिगाहियाँ