मुनव्वर राना शायरी – मैं झूठ के दरबार में
मैं झूठ के दरबार में सच बोल रहा हूँ,
हैरत है की सर मेरा क़लम क्यूँ नहीं होता । – मुनव्वर राना
Best Hindi Sher O Shayari Collection
मैं झूठ के दरबार में सच बोल रहा हूँ,
हैरत है की सर मेरा क़लम क्यूँ नहीं होता । – मुनव्वर राना