राहत इंदौरी शायरी – उसकी महफ़िल में वही सच Raj June 6, 2017 राहत इंदौरी शायरी उसकी महफ़िल में वही सच था, वो जो कुछ भी कहे, हम भी गूंगो की तरह हाथ उठा देते थे – राहत इंदौरी वसीम बरेलवी शायरी – क़हक़हा आँख का बर्ताव बदल शहरयार शायरी – क्या कोई नई बात नज़र परवीन शाकिर शायरी – रात कितना भी करे अपनी क़ाबिल अजमेरी शायरी – अश्कों में हुस्न-ए-दोस्त दिखाती है वसीम बरेलवी शायरी – यह सच है की मुद्दत