राहत इंदौरी शायरी – झूठी बुलंन्दियों का धुआं पार Raj June 1, 2017 राहत इंदौरी शायरी झूठी बुलंन्दियों का धुआं पार करके आ, कद नापना हैं मेरा तो छत से उतर के आ.. – राहत इंदौरी फैज अहमद फैज शायरी – राज ए उल्फ़त छिपा कर फैज अहमद फैज शायरी – और भी गम हैं ज़माने मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी – हमने माना कि तग़ाफुल न वसीम बरेलवी शायरी – मोहब्बत में ज़रा सी बेवफ़ाई अल्लामा इक़बाल शायरी – है आशिक़ी में रस्म अलग