राहत इंदौरी शायरी – वो जो मुंसिफ़ है तो Raj June 6, 2017 राहत इंदौरी शायरी वो जो मुंसिफ़ है तो क्या कुछ भी सज़ा दे देगा हम भी रखते हैं ज़ुबाँ, पहले ख़ता पूछेंगे – राहत इंदौरी मीर तक़ी मीर शायरी – आग थे इब्तेदा-ऐ-इश्क़ में हम बशीर बद्र शायरी – मैं तमाम तारे उठा-उठा कर अल्लामा इक़बाल शायरी – अनोखी वज़ह है सारे ज़माने फिराक गोरखपुरी शायरी – वाकई तेरे इस अंदाज़ को ज़फ़र इक़बाल शायरी – सुना करो सुब्ह ओ शाम