वसीम बरेलवी शायरी – अपने चेहरे से जो ज़ाहिर Raj June 1, 2017 वसीम बरेलवी शायरी अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसे तेरी मर्ज़ी के मुताबिक़ नज़र आएँ कैसे! – वसीम बरेलवी अमीर मीनाई शायरी – शब्-इ-फुरक़त का जागा हूँ फरिश्तों राहत इंदौरी शायरी – दिल्ली से हमीं बोला करें शाद अज़ीमाबादी शायरी – अब इंतिहा का तिरे ज़िक्र नक़्श लायलपुरी शायरी – दिल ख़तावार नज़र पारसा तस्वीरे मीर तक़ी मीर शायरी – रोते फिरते हैं सारी सारी