वसीम बरेलवी शायरी – गरीब लहरों पे पहरे बिठाए Raj June 1, 2017 वसीम बरेलवी शायरी गरीब लहरों पे पहरे बिठाए जाते हैं समन्दरों की तलाशी कोई नहीं लेता – वसीम बरेलवी अमीर मीनाई शायरी – सरकती जाए है रुख़ से हफ़ीज़ जालंधरी शायरी – सुकून-ए-ज़िंदगी तर्क-ए-अमल का नाम है नासिर काज़मी शायरी – कुछ यादगार-ए-शहर-ए-सितमगर ही ले चलें आये हफ़ीज़ जालंधरी शायरी – ओ दिल तोड़ के जाने हसरत मोहानी शायरी – नादिम हूँ जान देकर आँखों