वसीम बरेलवी शायरी – तुम्हारी राह में मिटटी के Raj June 1, 2017 वसीम बरेलवी शायरी तुम्हारी राह में मिटटी के घर नहीं आते इसीलिए तुम्हे हम नज़र नहीं आते – वसीम बरेलवी मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी – मेरी क़िस्मत में ग़म गर नक़्श लायलपुरी शायरी – किसी हमदम का सरे शाम परवीन शाकिर शायरी – मैं सच कहूँगी और फिर जिगर मुरादाबादी शायरी – जिसे रौनक तेरे कदमों ने फिराक गोरखपुरी शायरी – कोई नयी ज़मीं हो