वसीम बरेलवी शायरी – बिछड़ के खुद को अकेला Raj June 1, 2017 वसीम बरेलवी शायरी बिछड़ के खुद को अकेला समझ न लेना कहीं तुम्हारे साथ कोई दूर दूर चलता है – वसीम बरेलवी निदा फ़ाज़ली शायरी – दुःख की नगरी कौन-सी आँसू नक़्श लायलपुरी शायरी – दिया है ‘नक़्श’ जो ग़म बशीर बद्र शायरी – दुआ करो कि ये पौदा नक़्श लायलपुरी शायरी – होश में लाके मेरे होश माधव राम जौहर शायरी – आप तो मुँह फेर कर