वसीम बरेलवी शायरी – हमारे घर का पता पूछने Raj June 1, 2017 वसीम बरेलवी शायरी हमारे घर का पता पूछने से क्या हासिल उदासियों की कोई शहरियत नही होती – वसीम बरेलवी वसीम बरेलवी शायरी – वैसे तो एक आँसू ही बशीर बद्र शायरी – नए दौर के नए ख़्वाब वसीम बरेलवी शायरी – तुम्हारी राह में मिटटी के शहरयार शायरी – है आज ये गिला कि बशीर बद्र शायरी – महक रही है ज़मीं चाँदनी