शहरयार शायरी – शहर-ए-जुनूँ मे कल तलक जो Raj March 20, 2017 २ लाइन हिंदी शेरो शायरी, शहरयार शायरी शहर-ए-जुनूँ मे कल तलक जो भी था सब बदल गया, मरने की ख़ू नही रही, जीने का ढब बदल गया । – शहरयार 2 Lines Poetry Shayari – Tum Fir Usi Adaa Se 2 Line Mein Hindi Ki Shayari – Koi Gilla Nahin Hai Mujhy मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी – बना कर फ़क़ीरों का हम 2 Line Ke Ashaar – Wo Mujh Se Poochti Hy जौन एलिया शायरी – यादों का हिसाब रख रहा