शहरयार शायरी – है आज ये गिला कि Raj March 20, 2017 २ लाइन हिंदी शेरो शायरी, शहरयार शायरी है आज ये गिला कि अकेला है ‘शहरयार’ तरसोगे कल हुजूम में तन्हाई के लिए – शहरयार ख़ुमार बाराबंकवी शायरी – ख़ुदा बचाए तिरी मस्त मस्त 2 Lines Shayari Hindi Bhasha Mein -Her Aaib Sahi Mujh Main अमीर मीनाई शायरी – जवाँ होने लगे जब वो अहमद फ़राज़ शायरी – कितना खौफ़ होता है शाम महेन्द्र सिंह बेदी सहर शायरी – दैर ओ हरम में चैन