हसरत मोहानी शायरी – कहीं आके मिटा न दें Raj February 28, 2017 हसरत मोहानी शायरी कहीं आके मिटा न दें इन्तिजार का लुत्फ कहीं कुबूल न हो जाये इल्तिजा मेरी। – हसरत मोहानी क़ाबिल अजमेरी शायरी – उन की पलकों पर सितारे अहमद फ़राज़ शायरी – तुम तकल्लुफ़ को भी इख़्लास मुनव्वर राना शायरी – तमाम उम्र हम इक दूसरे नक़्श लायलपुरी शायरी – पलट कर देख़ लेना जब हसरत मोहानी शायरी – फिर और तग़ाफ़ुल का सबब