ज़फ़र इक़बाल शायरी – न था ज़ियादा कुछ एहसास Raj March 6, 2017 ज़फ़र इक़बाल शायरी न था ज़ियादा कुछ एहसास जिस के होने का चला गया है तो उस की कमी बहुत आई – ज़फ़र इक़बाल फिराक गोरखपुरी शायरी – कोई अफ़साना छेड़ तन्हाई… वसीम बरेलवी शायरी – तुम मेरी तरफ़ देखना छोड़ो बहादुर शाह ज़फ़र शायरी – क्या पूछता है हम से बशीर बद्र शायरी – अजीब रात थी कल तुम निदा फ़ाज़ली शायरी – दिन सलीके से उगा