ज़फ़र इक़बाल शायरी – सब को मालूम है और Raj March 6, 2017 ज़फ़र इक़बाल शायरी सब को मालूम है और हौसला रखता हूँ अभी अपने लिक्खे हुए को ख़ुद ही मिटा देने का – ज़फ़र इक़बाल क़तील शिफ़ाई शायरी – अगर वफ़ा पे भरोसा रहे शाद अज़ीमाबादी शायरी – निगाह-ए-नाज़ से साक़ी का देखना अमीर मीनाई शायरी – दरबाँ हज़ार उस के यहाँ वसीम बरेलवी शायरी – तुम्हारा साथ भी छुटातुम अजनबी बशीर बद्र शायरी – मोहब्बत एक ख़ुशबू है हमेशा