नादिम हूँ जान देकर, आँखों को तूने ज़ालिम
रो-रो के बाद मेरे क्यों लाल कर लिया है – हसरत मोहानी
Tag: हसरत मोहानी के हिंदी शेर
हसरत मोहानी शायरी – फिर और तग़ाफ़ुल का सबब
फिर और तग़ाफ़ुल का सबब क्या है ख़ुदाया
मैं याद न आऊँ उन्हें मुमकिन ही नहीं है – हसरत मोहानी
हसरत मोहानी शायरी – वस्ल की बनती हैं इन
वस्ल की बनती हैं इन बातों से तदबीरें कहीं
आरज़ूओं से फिरा करती हैं तक़दीरें कहीं – हसरत मोहानी
हसरत मोहानी शायरी – इक बार दिखाकर चले जाओ
इक बार दिखाकर चले जाओ झलक अपनी,
हम जल्वा-ए-पैहम के तलबगार कहाँ है। – हसरत मोहानी
हसरत मोहानी शायरी – दिलों को फ़िक्र-ए-दो-आलम से कर
दिलों को फ़िक्र-ए-दो-आलम से कर दिया आज़ाद
तिरे जुनूँ का ख़ुदा सिलसिला दराज़ करे – हसरत मोहानी
हसरत मोहानी शायरी – मुनहसिर वक़्त-ए-मुक़र्रर पे मुलाक़ात हुई
मुनहसिर वक़्त-ए-मुक़र्रर पे मुलाक़ात हुई
आज ये आप की जानिब से नई बात हुई – हसरत मोहानी
हसरत मोहानी शायरी – न जाना कि शौक़ और
न जाना कि शौक़ और भड़केगा मेरा
वो समझे कि उस से जुदा हो गए हम – हसरत मोहानी
हसरत मोहानी शायरी – तन्हाई में भी तेरे तसव्वुर
तन्हाई में भी तेरे तसव्वुर की बदौलत
दिल-बस्तगी-ए-ग़म के हैं सामान हज़ारों – हसरत मोहानी
हसरत मोहानी शायरी – जी में आता है के
जी में आता है के उस शौक़-ए-तग़ाफ़ुल केश से
अब ना मिलिये फिर कभी और बेवफ़ा हो जाइये – हसरत मोहानी
हसरत मोहानी शायरी – खन्दा-ए-अहले-जहाँ की मुझे परवा क्या
खन्दा-ए-अहले-जहाँ की मुझे परवा क्या थी,
तुम भी हंसते हो मेरे हाल पर,रोना है यही। – हसरत मोहानी